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ट्रैन टिकट बुकिंग का नया टाइम | Railway Ticket Booking Changes

अब जो रेलवे की टाइमिंग है बुकिंग करने की वह चेंज हो गई है मतलब पहले जो था जिसे हम कर पाते थे 4 महीने पहले बुक यानी कि 120 दिन पहले बुक कर पाते थे एडवांस बुकिंग करते थे अब वो घट के जो है हो गई है 60 दिन 1 नवंबर से । तो दोस्तों आज हम जानेंगे इसके पीछे कारण क्या है और इसका क्या फायदा होगा और क्या-क्या  चीजें इसमें चेंज हुई है और 1 नवंबर से मतलब अभी करीबन एक हफ्ता हो गया है ये चेंज हुए हुए तो क्या-क्या फर्क देखने को मिल रहा है ।



ये चेंज आया है मतलब 120 दिन की जगह जो है अब आप एडवांस में 60 दिन पहले ही बुक कर सकते हैं तो क्या चेंज आया है तो पहले इसको हम चेक करते हैं कि सच में ये 60 दिन हुआ है या फिर 120 दिन ही है अगर आप अब आज की तारीख़ से अगले 2 महीने से ऊपर देखेंगे तो उसके ऊपर एक या दो दिन उपर तक जा पाएँगे।

जैसे 8 नवम्बर से अगर टिकट बुक करते है तो 8 जनवरी तक आप सिर्फ़ बुक कर पाएँगे मतलब यहां पे दो महीने आगे तक ही दिखाएगा , इसके आगे हम नहीं बढ़ पाएँगे तो दोस्तों ये तो है मतलब सही हो गया मतलब सच में जैसे बोला गया है कि 60 दिन होगा वैसा ही जो है स्टार्ट हो चुका है अब दोस्तों बात करते हैं कि इसके पीछे जो कारण था वो क्या था इसको मतलब य चेंज करने का रेलवे ने क्यों इतना बड़ा फैसला लिया इसको चेंज करने का उसके बारे में बात करते हैं दोस्तों जो फर्स्ट रीजन यहां पर आता है वो आपका है यहां पर 

1) एडवांस बुकिंग 

जैसे मान लीजिए क्या था कि लोग एडवांस में बुक करते थे जैसे मान लीजिए किसी को जाना है कहीं शादी में किसी को जाना है मंडन में कोई मतलब अलग-अलग फेस्टिवल होते थे ठीक है तो फोर मंथ पहले क्या था कि लोग जैसे जभी चार महीने पहले ओपन हुआ तो क्या है फटाफट उन लोगों ने बुक कर दिया और शुरू में वेटिंग आ गई अब किसी को मान लीजिए जाना है एक महीने पहले दो महीने पहले तो उसके पास वहां पर वेटिंग शो हो रही है और वो आते हैं तत्काल टिकट बुक करने के लिए वहां पे टिकट ही बुक नहीं होती है सो रेलवे को लगा कि भाई जो फोर मंथ का टाइम है ये बहुत ज्यादा ही है अगर आपकी एडवांस बुकिंग है य तो दो महीने जो है वो काफ़ी है दो महीने पहले भी आप बुकिंग जो है आराम से कर सकते हैं इससे दोस्तों फायदा ये होगा कि दो महीने पहले जब टिकट बुक करेंगे आप तो आपके पास कम से कम क्या होगा आपको कंफर्म टिकट शो होंगी मतलब पहले कंपैरिजन में जो है अभी क्या होगा कि नई-नई बुकिंग स्टार्ट होती है तो कुछ समय तक तो आपके पास यहां पर टिकट बुक करने का टाइम रहेगा । दोस्तो फर्स्ट इसलिए था हमारा जो रीजन था वो था एडवांस बुकिंग 

2) ब्लैक मार्केटिंग 

पहले क्या है कि जैसे कुछ एजेंट्स हो गए या जो कुछ काला बाज़ारी लोग करते हैं उन लोगों ने क्या किया शुरू शुरू में ही जो है फोर मंथ पहले डिफरेंट डिफरेंट नाम से जो है टिकट बुक कर ली ठीक है उसके बाद क्या किया जैसे मान लीजिए सीट वेटिंग में चल रही है लेकिन किसी-किसी को जाना बहुत जरूरी है तो उस सम वो क्या करते थे कि नाम के आधार पे जो है टिकट को बांट देते थे जैसे मान लीजिए किसी का नाम मनोज है तो जिसका नाम मनोज होगा अगर वो लेने के लिए आया है तो रैंडम जो है उसके नाम वाला टिकट जो उसको दे दिया यहां पर दोस्तों मतलब काला बाजारी हो रही थी लेकिन यहां पर फर्क क्या था जो टिकट मिलनी चाहिए आपकी ₹1000 की उसको 4000 मतलब डबल डबल रेट ट्रिपल ट्रिपल रेट करके तो दोस्तो ये जो है एक बहुत बड़ी जो है काला बाजारी यहां पर हो रही थी तो इसको जो है रेलवे ने सोचा कि भाई दूर करने का तरीका क्या है तो रेलवे को लगा कि ये तरीका जो है कारगर साबित होगा और रेलवे ने जो है इसको इंप्लीमेंट कर दिया ।

3) नो शो

नो शो क्या होता है नो शो दोस्तों मतलब यह होता है कि जैसे मान लीजिए आपकी टिकट बुक है ठीक है आप उसको क्या कर रहे हैं आप वहां पर ट्रेवल नहीं कर रहे हैं या फिर एन मूवमेंट पे जो है आप उसे कर रहे हैं कैंसिल, कैंसिल कर तो अच्छी बात है दोस्तों अगर आप कैंसिल करते हैं जो वेटिंग में लोग वेट कर रहे हैं कम से कम उनकी टिकट कंफर्म हो जाएगी या आरएसी हो जाएगी लेकिन आपको ट्रेवल भी नहीं करना और आप जो है वहां पर टिकट कैंसिल भी नहीं कर रहे हैं तो दोस्तों यह देखा गया कि यहां पर जो है 21 पर जो है मतलब यहां पर वेटिंग आ रही थी लोगों की और साथ साथ दोस्तों बहुत ज्यादा लोगों की जो है यहां पर क्या हो रहा था कि जो टिकट पे है जो सीटे है वो नो शो हो रही है मतलब कि लोगों ने टिकट बुक कर लिया चार महीने पहले ही से कि वो जाएंगे अब दोस्तों मे भी उसके कुछ कारण हुआ कि वो नहीं गए लेकिन नहीं गए तो चलो ठीक है कम से कम टिकट तो कैंसिल करवाना चाहिए जिसको यहां पर जरूरत नहीं है वो यहां पर मतलब उन्होंने टिकट बुक कर रखी है और जिसको यहां पर जरूरत है उसको यहां पर टिकट मिल रही है वेटिंग के तो कितना मतलब दोस्तों फर्क हो गया तो रेलवे ने सोचा कि भाई ऐसा काम नहीं चलने वाला कुछ ना कुछ तो करना पड़ेगा इंप्लीमेंट यहां पे तो इसीलिए दोस्तों रेलवे ने जो है यहां पर ये वाला नियम लागू किया 120 दिन से घटा के जो है इसको 60 डेज कर दिया गया है अभी भी नहीं पता कि कितना कारगर ये होगा क्यूँकि ये जो चीजें अभी चल रही थी आपको मैंने कारण बताए वो कारण पहले भी थे लेकिन अभी ये होगा कि शुरू-शुरू में कुछ दिन तक तो भाई थोड़ा टाइम लगेगा समझने में और धीरे-धीरे जो है फिर से मतलब कुछ ना कुछ परेशानियाँ आ ही जाएगी लेकिन दोस्तों ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि ये जो है 60 डेज आपका किया गया है पहले भी जो है मतलब काफी साल पहले भी 60 दिनो ही था और फिर बीच में क्या गया था 120 दिन लेकिन काफी लंबे समय से जो है दोस्तों 120 दिन ही एडवांस बुकिंग चल रही थी लेकिन अभी फिर से जो है 60 दिनो कर दिया गया है अब देखते हैं कितना ये कारगर साबित होता है कब तक ये चलता है और इससे यहां पर रेलवे को और साथ-साथ जो यहां पर हम सवारी हैं मतलब जो लोग यहां पर सफर करते हैं उनको इससे फायदा होता है या नहीं होता है इसके बारे में देखेंगे और जैसे कुछ इसका अपडेट मिलेगा तो आपके लिए वो वाली article भी पेश हो जाएगी ।


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